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इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में आप समझ पाएँगे कि राजनीति में आनेवाले अधिकांश युवा आखिर वे कौन सी गलतियाँ करते हैं जिससे उनका पोलिटिकल करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाता है और कैसे आप इन गलतियों से खुद को बचाते हुए अपने राजनीतिक सफर को आगे बढ़ा सकते हैं। इन गलतियों को गहराई से समझना इसलिए भी आवश्यक है क्यूंकि ये ऐसी गलतियाँ होती हैं जिसे राजनीति में आनेवाला हर युवा करता है।
राजनीति में आने के बाद आप राजनीति का हिस्सा बनेंगे या फिर राजनीति के शिकार, यह इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आपका बैकग्राउंड क्या है बल्कि इस बात पर निर्भर करता है कि राजनीति में आपकी शुरुआत कैसी होती है। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में इस पहलू पर विस्तृत चर्चा की गई है कि राजनीति में दमदार शुरुआत करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे कुछ खास कूटनीतियों का इस्तेमाल कर आप राजनीति में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।
गरीब या मध्यमवर्गीय परिवार से राजनीति में आनेवाले कई युवा नेताओं को यह लगता है कि बिना पैसों के राजनीति संभव नहीं है पर ऐसे कई राजनेताओं के उदाहरण हमारे सामने मौजूद हैं जो गरीब परिवार से होने के बावजूद सांसद, विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री बने। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में हम समझेंगे कि आखिर वे कौन सी रणनीतियाँ हैं जिन्हें अपनाकर गरीब परिवार से आनेवाले ये नेता बिना पैसों के राजनीति के शिखर तक पहुँचे
सामान्य जगहों पर भाषण देना और राजनीतिक मंच पर दहाड़ना, दोनों दो अलग-अलग चीजें होती हैं। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में इसी विषय पर फोकस किया गया है कि भाषणकला के लिए कुछ खास तकनीकों का सहारा लेकर कैसे आप भी बहुत कम समय में स्टेज फियर से बाहर निकल सकते हैं और बड़े नेताओं की तरह मंच के जादूगर बन सकते हैं। यह तकनीक इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी, नरेंद्र मोदी जैसे बड़े नेताओं की पसंदीदा तकनीक रही है।
राजनीति में आनेवाले युवाओं की एक बड़ी उलझन यह भी होती है कि वे कौन से मुद्दे उठायें जिससे जनता का साथ उन्हें मिल सके क्यूंकि कोई भी व्यक्ति तभी बड़ा नेता बन सकता है जब वो सही समय पर सही मुद्दों को उठा पाए। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में राजनीति की इसी अहम कड़ी पर विस्तार से चर्चा की गई है जिसे समझने के बाद आप मुद्दों के पीछे के पूरे गणित को बेहतर तरीके से देख पाएंगे और खुद के लिए समय-समय पर ऐसे मुद्दे भी ढूंढ पाएंगे जो आपको आम जनता के बीच लोकप्रिय बना सकें
राजनीति में जाति का खेल हमेशा से चलता आया है और चलता रहेगा पर यदि आपके क्षेत्र का जातीय समीकरण आपके पक्ष में नहीं है अर्थात आप जिस जाति से आते हैं उस जाति के लोगों की संख्या आपके क्षेत्र में काफी कम है तो क्या करें? कैसे चुनाव जीतें? क्यूंकि बिना जातीय समीकरण को तोड़े चुनाव जीतना लगभग असंभव होता है और इसे करने के लिए आपको उन कूटनीतियों को सीखना पड़ेगा जिससे जातीय समीकरण तोड़कर लोगों को अपने पक्ष में लाया जाता है।
आधुनिक राजनीति में सोशल मीडिया का बोलबाला हो चुका है। चुनाव लड़ने वाले हर प्रत्याशी की जीत-हार इस बात पर निर्भर करती है कि उसका सोशल मीडिया कैसा है, पर विडंबना यह है कि राजनीति करने वाले 90% लोगों को यह पता ही नहीं होता कि किस सोशल मीडिया का कैसे इस्तेमाल करना चाहिए ताकि आम जनता के बीच लोकप्रियता मिल सके। इसलिए इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में राजनीति की सोशल मीडिया रणनीति पर विस्तार से चर्चा होगी जिसके बाद आपको न तो फ़ॉलोअर्स बनाने की चिंता होगी और न ही पैसे खर्च कर सोशल मीडिया पर अपनी ब्रांडिंग करने की आवश्यकता होगी।
राजनीति कूटनीतियों का खेल है जिसे समझने के पोलिटिकल इंटेलिजेंस की आवश्यकता होती है। राजनीति में आनेवाले अधिकांश युवा चुनाव प्रबंधन, भाषणकला, पब्लिक फंडिंग आदि सीखने पर तो जोर देते हैं पर वे पोलिटिकल इंटेलिजेंस सीखने पर फोकस नहीं करते जिसके कारण वे कभी राजनीति में सफल नहीं हो पाते। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में पोलिटिकल इंटेलिजेंस की एक से बढ़कर एक कूटनीतियों पर चर्चा की गई है जिसे सीखने के बाद आपकी राजनीतिक समझ एक अलग लेवल पर पहुँच जाएगी।
चुनाव लड़ने के लिए एक टीम की जरूरत होती है पर लोगों से प्यार जताकर आप अपनी टीम नहीं बना सकते। इसके लिए कूटनीतियों का इस्तेमाल करना पड़ता है। लोगों से अपनापन दिखाकर आप दो तीन लोगों की टीम बना सकते हैं पर दो तीन सौ लोगों की टीम बनाने के लिए आपको एक लीडर बनना पड़ेगा और हर कदम पर कूटनीतियों का इस्तेमाल करना पड़ेगा। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में टीम बनाने की उन गुप्त कूटनीतियों पर चर्चा की गई है जिसका इस्तेमाल बड़े नेता करते हैं।
पब्लिक फंडिंग मतलब लोगों से पैसा लेकर चुनाव लड़ना पर क्या आपको लगता है कि लोग इतनी आसानी से चुनाव लड़ने के लिए पैसा दे देंगे। कई बार हमें यह बताया जाता है कि अपनी एक टीम बनाकर जनता के पास जाने पर चुनाव लड़ने के लिए पैसे मिल जाते हैं पर क्या आपको लगता है यह सब इतना आसान है? नहीं, बिल्कुल नहीं, क्यूंकि पब्लिक फंडिंग करने के लिए विशेष रणनीति की जरूरत होती है। इसलिए यदि आप चुनाव लड़ने के लिए पब्लिक फंडिंग करना चाहते हैं तो आपको वही रणनीति अपनानी होगी जिसका इस्तेमाल गरीब परिवार से आनेवाले सारे बड़े नेता करते हैं।
●Anybody between the age of 18-55 can register.
●Registrants must have a PWP certificate, which is given to the participants on successful completion of the political leadership training program, conducted by Politics with Pankaj.
●PWP fellowship program is absolutely free and involves no fees, but you are expected to have a smartphone and proper internet connection.
●To participate one can click the Become a PWP Fellow button and fill up the given application form.
●After completing the form, they will be added to the PWP WhatsApp group, where they will be provided with a variety of learning content, tasks, and hands-on activities to help participants gain an understanding of Indian politics at the grassroots level.
●There will also be opportunities to meet with PWP Icons, Major leaders, and Mr. Pankaj Pandey both virtually and in-person. Participants will also receive personalised mentorship throughout their political journey.
●PWP fellowship program is absolutely free and involves no fees, but you are expected to have a smartphone and proper internet connection.
Pankaj Pandey from Ranchi (Jharkhand), represents A new generation of Indian Political Leaders Who will Lead India Into the 21st Century. A Youth Leader and Indian Political Activist by Profession, Pankaj has deep Interest in Political-Social Studies and Contemporary Issues of Young India. His Videos on YouTube Channel https://youtube.com/c/PoliticswithPankaj and Blogs on these Subjects are widely Followed.
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